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Bheema Mera Haathi (1973)

  • Release Date1973
  • GenreDrama
  • FormatColor
  • LanguageHindi
  • Gauge35mm
  • Censor RatingU
  • Shooting LocationMerryland
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बालक दिनकर और बालिका कामिनी दोनों बचपन के दोस्त है। एक दिन खेलते समय पैर फिसलकर कामिनी गिर जाती है। वह घायल हो जाती है। कामिनी के पिता जी शिकयत करते है कि इसका कारण नानी द्वारा पालित दुलार दिनकर ही है। इसे सुनकर दिनकर बड़े दुःख के साथ घर लौट आता है। नानी भी उसकी गालियाँ देती है।

गालियों से असहनशील और दुःखी होकर दिनकर दीवार पर स्थित अपनी माँ की तस्वीर देखता है। उसकी माँ की आवाज उसके कानों में इस प्रकार सुनायी पड़तीहै- ’’हे दिनकर, जंगली जानवर अत्यधिक दयाशील है। अच्छी तरह परिचित होने परह मारे लिये जान तक देंगे।’’ तुरन्त वह अपनी माँ को देखने का निश्चय करके निकलता है। भयंकर वन में उसे बाघ भगाता है। बचने के लिये एक पेड़ पर चढ़ता है। पेड़ पर एक बड़ा वाँप उसे पकड़ने का प्रयत्न करता है। तुरन्त वह चिल्लाता है कि ’’भीमा ’’..........! हाथी के झुंठ से निकलकर भीमा दौड़ आता है और बाघ को    भगाकर दिनकर की रक्षा करता है।

(कई साल के बाद)

हाथी के दाँत देने का वचन देकर जो नीलन धोखा देता आ रहा है, उसे देखने के लिये कन्दस्वामी अपनी बेटी कामिनी, मैनेजर ज गदीश, बालु, और पच्चै आदियो के साथ जंगल को निकलते हैं।

नीलन, जो वन का राजा बनने का अधिकारी है वह दूसरों की पत्नियों से बुराव्यवहार करता है और हमेशा पीता रहता है। इसलिये लोग पद को उसे देने के लिये आपत्ति उठाते हैं।

पद के लिये योग्य व्यक्ति को चुनने के लिये एक स्पर्धा रखी जाती है। स्पर्ध में कुमरन को जीत नीलन की छोटी बहन मांगनी कहती है कि कुमरन को शादी अचली से करवाना है। इसे सुनकर नीलन षड़यन्त्र रचता है।

नीलन शादी के दिन में ऐसी किवदन्ति फैलाता है कि कुमरन एक बाघ से मारा गया है। नेता चैरवन इस खबऱ को सुनकर मर जाता है।

कन्दस्वामी के शिविर के पास बाघ आता है। कामिनी डर के कारण बेहोश हो जातीहै। तब दिनकर बाघ से कामिनी को बचाता है।

नीलन के आदमियों से फेंक गये कुमरन को नदी मे से दिनकर बचाता है। कुमरन बार-बार बकता है कि  ’’अंजली ’’  ’’अंजली ’’ उसे सुनकर, दिनकर कामिनी को अंजली समझकर, यहाँ तक उसे ले आता है। दोनो अचानक बहुत दिनों के बाद दिनकर और कामिनी की मिलन इस तरह होता है। कामिनी कहती है कि नीलन के जेल में अजली है। उसकी रक्षा करने के लिये दिनकर के साथ कुमरन जाता है। नीलन के आदमी उसके आज्ञानुसार, कन्दस्वामी के दलको जंगल में ही छोड़कर, उनके धन-धौलत को लूटकर भागते हैं।

कन्दस्वाकी का दल नर-बलि देनेवाले एक दल में फँस जाते हैं। तुरन्त अजली नीलन से शादी करने की सहमति देते है। लेकिन वह शादी के अवसर पर, वहाँ वेष बदलकर खड़े होने लाले कुमरन को माला पहनाता है। नीलन गुस्से में आकर, कुमरन को ओर तलवार फेंकता है। मांगनी अपनी भाई द्वारा किये गये कुकर्मी का प्रायश्चित देने के लिये बीच में जाकर कुमरन को बचाती है। नीलन भागता है। नर-बलि दल में फँस गये कन्दस्वामी दल की हालत क्या हुई? क्या नीलन पकड़ा गया?

परदा जवाब देगी।

[from the official press booklet]